Barcode kya hai : दोस्तों आज हम barcode के विषय में जानेंगे. इस comupter के युग में barcode का उपयोग बोहत ज्यादा किया जाता है. क्या आप जानते है Barcode kya hai और barcode को क्यों इस्तेमाल करते है ? अगर नहीं जानते तो आज हम आपको बतायेंगे की आखिर Barcode kya hai, barcode kitne prakar ka hota hai, और barcode के फैयदे और नुकसान क्या है.
दोस्तों अपने अक्सर देखा होगा की जब भी हम कोई सामान खरीदते है तो उसपर यानि उस सामान के packet पर barcode देखने को मिलता है. जो काली और सफ़ेद खड़ी रेखाएं आपको देखने को मिलती है. और इसे ही barcode कहा जाता है. तो चलिए दोस्तों Barcode kya hai ( Barcode क्या है ) इसके बारे में विस्तार से जानते है.
दोस्तों अगर आप इन सवालों का जवाब नहीं जानते, तो इस लेख के अंत तक बने रहे. इसमें आपको बारकोड से जुडी बहुत सारी महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी.
साथ ही इस लेख में आप जान पाएंगे कि बारकोड को कैसे बनाते हैं, तो बने रहिये इस लेख के अंत तक और जानिए Barcode क्या है.
Barcode kya hai ?

Barcode kya hai ? दोस्तों बारकोड किसी उत्पाद के बारे में जानकारी लिखने का एक तरीका है, जिसमें उस उत्पाद से संबंधित पूरी जानकारी होती है. मतलब उस उत्पाद का नंबर, जहां उसका उत्पाद बनाया गया था, और कब बनाया गया था और कब वह उत्पाद समाप्त हो जाएगा, इस प्रकार की जानकारी बारकोड में होती है.
बारकोड में उपयोग की जाने वाली भाषा बाइनरी भाषा में होती है. जो सिर्फ mashine की की द्वारा ही पड़ा जा सकता है. और बारकोड को पढने वाले उपकरण को बारकोड रीडर (Barcode Reader) कहते हैं.
इस barcode को product के पीछे प्रिंट किया जाता है. और इसे नंबर और लाइन के Format में प्रिंट होता है. बारकोड में खड़ी सफ़ेद और काली रेखाएं होती हैं. और इस barcode में प्रोडक्ट से जुडी पूरी जानकारी Binary Language होती है.
बारकोड का इतिहास क्या है ?
History Of Barcode : दोस्तों barcode का अविष्कार 1948 के समय पहली बार हुआ था. जिसे Drexel University के दो छात्रों Norman J Woodland और Bernard Silver ने मिलकर किया था. और इसका जो डिज़ाइन था वह कुछ Bulls eye के जैसे था.
Woodland और silver को इसके चलते 1952 में एक पेटेंट भी मिला है. जब एक दुकानदार को अपने इन्वेंटरी प्रबंध और ग्राहक Check Out सिस्टम को Automatically बनाना था. इस तकनीकी को बहुत सारे लोगों ने पसंद किया और धीरे – धीरे बारकोड के ऊपर बहुत सारी कंपनी काम करने लगी.
डेविड कोलिन्स ने पहली बार बारकोड का उपयोग 1960 में ट्रेनों पर नज़र रखने के लिए एक प्रणाली विकसित किया था.
1974 में, ओहियो के ट्रॉय मार्श में एक सुपरमार्केट में पहला यूपीसी स्कैनर स्थापित किया गया था. 26 जून 1974 को दुनिया में पहला बारकोड स्कैन किया गया था.
धीरे-धीरे टेक्नोलॉजी में बदलाव की वजह से बारकोड में और भी फीचर जुड़ते गए. आधुनिक समय में 2D बारकोड भी उपलब्ध हैं जिनमें अधिक डाटा स्टोर किया जा सकता है.
तो दॉतों यह था barcode का इतिहास चलिए अब जानते है की barcode में कितने प्रकार होते है (types of barcode )
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Type of Barcode in Hindi (बारकोड के प्रकार)
उनकी संरचना के आधार पर मुख्य रूप से 2 प्रकार के बारकोड होते हैं.
1. Linear Barcode
लीनियर बारकोड (Linear Barcode): 1D (1 लीनियर बारकोड को 1D (1 डायमेंशन) वन डायमेंशनल बारकोड भी कहा जाता है. इस प्रकार के बारकोड में किसी स्थान पर काली और सफेद खड़ी रेखाएँ होती हैं.
इनमें केवल टेक्स्ट डेटा ही स्टोर किया जाता है. पहले केवल 1D बारकोड ही उपयोग किए गए थे.

दोस्तों इस प्रकार के बारकोड को अपने अक्सर किसी वास्तु पर देखा ही होगा. इस barcode का प्रयोग daily वस्तुवों के लिए किया जाता है. उदहारण के लिए soup, shampu, Oil, और अन्य सामग्री में.
QR CODE (Quick Response Code)
QR CODE को 2डी या द्वि-आयामी बारकोड भी कहा जाता है. ये नई तकनीक के बारकोड हैं. इस प्रकार का बारकोड चौकोर आकार का होता है. क्यूआर कोड में 1डी बारकोड से ज्यादा जानकारी स्टोर की जा सकती है. आज के समय में क्यूआर कोड जैसे बारकोड का काफी इस्तेमाल हो रहा है.

इस फोटो को देख कर आप समाज ही गये होंगे की हम किस विषय में बात कर रहे है. आपने कई डिजिटल पेमेंट एप्लिकेशन में क्यूआर कोड का इस्तेमाल देखा होगा. जैसे पेटीएम, गूगल पे, फोनपे आदि.
बारकोड के फायदे क्या है ?
बारकोड का उपयोग करने के कई फायदे हैं जैसे —
- आप किसी उत्पाद को बारकोड के माध्यम से ट्रैक कर सकते हैं, और उसके आधार पर स्टॉक का प्रबंधन कर सकते हैं
- जब बारकोड स्कैनर द्वारा बारकोड को स्कैन किया जाता है, तो कंप्यूटर मिलीसेकंड में इसकी गणना करता है, जिससे समय की बचत होती है और काम जल्दी हो जाता है.
- बारकोड की मदद से कोई भी जरूरी डाटा स्टोर किया जा सकता है.
- कंप्यूटर में हाथ से डेटा डालने में त्रुटियाँ हो सकती हैं, लेकिन बारकोड में लिखे गए डेटा में त्रुटियाँ नगण्य यानि ना के बराबर होती हैं.
- बारकोड डिजाइन और प्रिंट करने में सस्ते होते हैं.
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बारकोड के नुकसान क्या है ?
जैसा की अपने ऊपर देखा इसके फायदे क्या है उसी तरह इसके कुछ नुकसान भी है चलिए जानते है.
- हैकर्स गलत बारकोड बनाकर आपका स्कैन करवा सकते हैं जिससे आपको नुकसान हो सकता है. इसलिए बारकोड को स्कैन करने से पहले उसकी ठीक से जांच कर लेनी चाहिए.
- बारकोड कट या फटा हुआ हो तो उसे पढ़ने में दिक्कत होती है.
- बारकोड को पढ़ने के लिए बारकोड रीडर की आवश्यकता होती है, जो थोड़ा महंगा हो सकता है.
FAQ ( सवाल और जवाब )
बारकोड क्या है और इसका उपयोग किस लिए किया जाता है?
त्वरित पहचान के साधन के रूप में उत्पादों पर बारकोड लागू होते हैं। उनका उपयोग खुदरा दुकानों में खरीद प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, गोदामों में इन्वेंट्री को ट्रैक करने के लिए, और कई अन्य उपयोगों के बीच लेखांकन में सहायता के लिए चालान पर किया जाता है
बारकोड के नीचे का नंबर क्या होता है?
बारकोड की पहली छह संख्या निर्माता की पहचान संख्या होती है। अगले पांच अंक आइटम की संख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं। अंतिम संख्या को चेक डिजिट कहा जाता है जो स्कैनर को यह निर्धारित करने में सक्षम बनाता है कि बारकोड सही तरीके से स्कैन किया गया था या नहीं।
बारकोड कैसे बनता है?
बारकोड कैसे उत्पन्न होते हैं? सॉफ्टवेयर का उपयोग करके बारकोड उत्पन्न किए जाते हैं । स्टोर तय करते हैं कि वे बारकोड के साथ कौन सी जानकारी (मात्रा, रंग, प्रकार) एकत्र करना चाहते हैं और बारकोड प्रारूप चुनते हैं। सॉफ्टवेयर स्वचालित रूप से एक मशीन-पठनीय बारकोड उत्पन्न करेगा
Salman
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