Deepawali kyun Manayi jati hai : हमारा देश त्योहारों का देश है, यहाँ पुरे साल कई प्रकार के त्यौहार मनाये जाते है. हिन्दू धरम मे दीपावली को सबसे बडा त्यौहार माना जाता है. यह 5 दिन तक चलने वाला Festival होता है, इस festival को हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई हर कोई मनाता है, यहाँ धर्म की कोई पाबन्दी नहीं होती. इस त्योहार को बच्चे, बूढ़े, बड़े सब मिलकर मनाते हैं. दिवाली रोशनी और खुशियों का त्योहार है.
क्यों की इस त्योहार का बच्चों और बड़ों को पूरे साल इंतजार रहता है. कई दिनों पहले से ही इस उत्सव को मनाने की तैयारियां शुरू हो जाती है.
त्यौहार के दिन माँ लक्ष्मी की पूजा की जाती है. इसलिए घर के सभी लोग मिलकर घर की साफ़ सफाई करके घर को दुल्हन की तरह सजाते है. घर के अंदर बहार दीपों से सजा दिया जाता है. ये त्यौहार दशहरा के बराबर 20 दिन बाद मनाया जाता है. खासकर यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है.
Deepawali kyun manayi jati hai ?

Deepawali kyun manayi jati hai ? Deepawali kyun manayi jati hai ?
Deepawali kyun manayi jati hai : इसके पीछे अलग-अलग कहानियां हैं, अलग-अलग परंपराएं हैं. कहते हैं कि इस दिन भगवन श्री राम अपनी पत्नी माता सीता और अपने भाई लक्ष्मण के साथ 14 साल का वनवास पूरा करके अपने घर अयोध्या लौटे थे. इतने सालों के बाद घर लौटने की ख़ुशी मे अयोध्या वासियों ने घर की सफाई की और दीप जलाकर उनका स्वागत किया था. तभी से दीपों का त्यौहार दीपावली मनाया जाता है.
दिवाली क्यों मनाई जाती है : दूसरी कथा के अनुसार जब श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध करके प्रजा को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई तो द्वारका की प्रजा ने दीपक जलाकर उनको धन्यवाद दिया.
Deepawali kyun manayi jati hai, Deepawali kyun manayi jati hai, Deepawali kyun manayi jati hai
एक और परंपरा के अनुसार सतयुग में जब समुद्र मंथन हुआ तो धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी के प्रकट होने पर दीप जलाकर आनंद व्यक्त किया गया.
दिवाली क्यों मनाई जाती है, दिवाली क्यों मनाई जाती है, दिवाली क्यों मनाई जाती है, दिवाली क्यों मनाई जाती है, दिवाली क्यों मनाई जाती है
चाहे जो भी हो दीपक आनंद और खुशिया प्रकट करने के लिए जलाये जाते है.
Deepawali kyun manayi jati hai, Deepawali kyun manayi jati hai, Deepawali kyun manayi jati hai
https://desijankari.com
Mobile से website kaise banaye click here
Diwali kaise manaye

Diwali kaise manaye Diwali kaise manaye Diwali kaise manaye Diwali kaise manaye
Diwali kaise manaye अन्य festivals की तरह Diwali भी विधि-विधान के साथ मनाया जाता है. बड़े बुजुर्ग कहते भी है की जिस त्यौहार को पुरे विधि-विधान के साथ मनाया जाता है, उसका फल भी अच्छा मिलता है. diwali के तय्यरिया बोहत पहले से शुरू होजाती है. लेकिन diwali के दिन माँ लक्ष्मी की पूजा की जाती है. और बोहत सी चीजों का ध्यान रखना पड़ता है पूजा के समय. चलिए जानते है diwali kaise manate hai.
Diwali kaise manaye :दिवाली मानाने के लिए सबसे पहले आपको घर की साफ़ सफाई अच्छे से करनी है. साफ़ किया हुआ कचरा यहाँ वहा ना फेंके कूड़ेदान मेही डाले. घर की साफ़ सफाई होने के बाद अपने घर को अच्छे से सजाये. बोहत से लोग घर सजाने के लिए electric दिये और मोमबत्ती का इस्तेमाल करते है. लेकिन अगर आप दिवाली में अपने घर को रोशन करना चाहते हैं, तो दीपक का इस्तेमाल करना सही तरीका है.
क्यों Diwali मे मोमबत्ती का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए?
क्योंकि मोमबत्ती बनाते समय इसमें हानिकारक चीजों का इस्तेमाल किया जाता है. रंगों वाली मोमबत्तियों में यह खतरा और भी ज्यादा रहता है. जब भी इन्हें जलाया जाता है तो ये जहरीली चीजें धुएं के जरिए हवा को प्रदूषित करती हैं. जिससे सभी प्राणीयोन,और पर्यावरण को हानि पहुंच सकती है.
कई घरो मे अपने देखा होगा की खासकर त्योहारों के दिन घर के आंगन मे राग भी रंगी रंगोली बनाई जाती है. जो दिखने मे बोहत खूबसूरत होते है. लेकिन यह दिखने मे जितना खूबसूरत होता है, शायद उतना भी हानि करक भी हो सकती है. क्यों की हम यह नहीं सोंच ते की वह प्राकृतिक है या नहीं बस खरीद कर ले आते है.
अपने देखा होगा बाजारों मे रंग भी रंगी रंगोली देखने को मिलती है. क्या यह नेचुरल है, जी बिलकुल भी नहीं इन रंगोली को attractive दिखने के लिए इनमे Chemicals का इस्तेमाल किया जाता है. जो हमारे और हमारे स्किन के लिए बहुत खतरनाक है.
क्या कर सकते है अब बिना रंगो के ? आप रांगोली बनाये लेकिन natural रंग से, chemical वाला नहीं. अगर आप चाहे थो फूलों का भी प्रयोग कर सकते है. इससे किसीको को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. और देखने मे भी खूबसूरत दिखेगा.
घर के बच्चे दिवाली का बेसबरी से इंतज़ार करते है. कब दिवाली आएगी कब हम पटके फोड़ेंगे इसी तक मे रहते है. दिवाली के दिन ही बच्चों को बहुत सारे पटाखे जलाने का अवसर मिलता है. उनकी ख़ुशी देखकर हम सब खुश होजाते है. बच्चों की ख़ुशी के लिये हम उनके पसंद के सभी पटाके खरीद कर ले आते है.
बच्चे थो बच्चे है उन्हें सिर्फ अपनी ख़ुशी से मतलब है. लेकिन हम थो समझदार है उनकी सेहत का खयाल रखना हमारी जिम्मेदारी है.
मोमबत्ती, रंगोली तक थो ठीक था लेकिन पटाके ये बारूद से बनते है और बारूद मे सारा का सारा चेमिकल्स का इस्तेमाल होता है. यह हमारे और पर्यावरण के लिए बोहत हानिकारक है.
Diwali kaise manaye : पटाखों के जलने के बाद जो भी धुआँ निकल ता है यह धीरे धीरे वातावरण मे पहल जाता है. जिससे वायु कलुष भी होता है. जबभी हम संन्स लेते है यह हमारे आदर जाकर तरह तरह की बीमारिया पैदा करता है. इससे पशु और पक्षिओं और पेड़ पौधों पर सबसे ज्यादा असर होता है. हमारी गलतियों की सजा उन बेजुबान प्राणियों को क्यों भुगतना चाहिए.
इसलिए इस दिवाली पाठकों का इस्तेमाल कॉम करे. होसके थो पाठकों का इस्तेमाल बिलकुल भी ना करे.
बच्चे थो मानेंगे नहीं इसलिए उनके लिए छोटे पठाके लेकर दे.
यह काम हमें ही करना होगा. इंसान की एक फितरत है. वह हमेशा यही सोंचता है की यह कोई और करलेगा. क्या पता शायद वह भी यही सोंचरहा हो. इसलिए हमें अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हटना चाहिए. यही हमारा यह article samapt होता है Diwali kaise manaye और इस दिवाली को पिछले दिवाली से बहुत ख़ास और बेहतर बनाइये