मार्शल लॉ क्या है (Martial Law Kya Hai) : नमस्कार दोस्तों ! हमारे ब्लॉग desijankari पर आपका स्वागत है. आज इस article के जरिये हम Martial Law Kya Hai, और यह कब लागु हुआ, इसकी घोषणा कौन करता है. जैसे सवालों का जवाब इस article में देने वाले है. जानने के लिए इस post के अंत तक बने रहे.
देश की न्याय व्यवस्था को संभालना हर देश की सरकार की जिम्मेदारी है. अगर सरकार इसमें विफल हो जाती है, तो ऐसी स्थिति में देश में कुछ ऐसे कानून लागू होते हैं, जिनमें नागरिक सरकार के बजाय सेना का प्रशासन होता है. मार्शल लॉ का प्रयोग केवल आपात स्थिति में ही किया जाता है. इससे जुड़ी सभी जानकारियों के बारे में इस लेख में विस्तार से बताया गया है.
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Martial law kya hai ( what is martial law )

मार्शल लॉ (martial law ) किसी भी देश में सरकार द्वारा जारी एक न्यायिक प्रणाली होती है. यदि सरकार किसी भी कारण से न्याय प्रणाली को चलाने में विफल रहती है, तो मार्शल लॉ लागू किया जाता है. इसमें सामान्य सुरक्षा कानूनों को हटाकर उस देश की सेना को किसी देश के किसी भी क्षेत्र पर शासन करने और नियंत्रण करने का अधिकार दिया जाता है. यह जरूरी नहीं है कि मार्शल लॉ पूरे देश में लागू हो. इसे देश के किसी भी छोटे हिस्से पर भी लगाया जा सकता है.
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यदि Martial law लागू किया जाता है, तो नागरिकों की स्वतंत्रता और उनके मौलिक अधिकारों को रद्द कर दिया जाता है. ऐसे में नागरिक को अपने कानूनी अधिकार गंवाने पड़ते हैं. जैसे अनुचित खोजों से सुरक्षा, बोलने की स्वतंत्रता, बंदी प्रत्यक्षीकरण,
थो दोस्तों यहा तक आपको पता चलगया होगा की martial law kya hai. चलिए next step की और चलते है.
क्या मार्शल लॉ भारत में लागु होगा ?
अगर हम भारत की बात करे थो, हमारे भारत में Martial law जैसा कानून लागु नहीं होता. हमारे देश का कानून एक विशेष तरीके से बनाया गया है. इसे Armed Forces Special Provision Act कहते है. अगर हमारे भारत में ऐसी कोई परिस्तिति अति है थो सेना को पुलिस जैसी ताकत दे दी जाती है. और सेना को भी पुलिस की तरह कानून के दायरे में रहकर काम करना होता है.
मार्शल लॉ कब और क्यों लगाया जाता है ?
Martial law kyun lagaya jata hai : Martial law तभी लागू होता है, जब वह देश किसी आपात स्थिति जैसे युद्ध की स्थिति, या नागरिक अशांति या राष्ट्रीय समस्याओं आदि का सामना कर रहा हो. ऐसे में सारे अधिकार वहां की सेना के हाथ में आ जाते हैं. यह आवश्यक नहीं है कि कानून देश के हर हिस्से में लागू हो, यह किसी भी क्षेत्र के किसी एक हिस्से में लगाया जा सकता है. जिस स्थान पर इसे लगाया जाता है उस स्थान का सारा अधिकार सेना का ही होता है.
इसका मतलब यह नहीं है कि अब युद्ध होगा. इसमें आम नागरिकों की वर्तमान व्यवस्था को हटाकर उस स्थान पर सैन्य शासन लागू किया जाता है. कई बार ऐसा भी होता है कि किसी कारण प्राकृतिक आपदा आने पर या सरकार बदलने के बाद भी मार्शल लॉ लगाना बहुत जरूरी हो जाता है. यहा तक आप समाज गए होंगे की martial law kyun lagaya jata hai.
मार्शल law लगाने पर सेना के अधिकार क्या है ?
यदि मार्शल लॉ लगाया जा रहा है तो उस समय सेना को कुछ अधिकार मिल जाते हैं. जो मैंने नीचे बताया है.
- जब यह कानून लागू होता है तो उस जगह पर पाबंदी लगा दी जाती है. ऐसे में लोग इधर-उधर नहीं घूम सकते. अगर कोई सेना के नियमों का उल्लंघन करता है या उसका पालन नहीं करता है, तो उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
- आमतौर पर सरकार न्याय प्रणाली जैसे मुद्दे को देखती है. लेकिन इस विषय में थोड़ा अलग है. यहा सरकार के बजाय सेना को न्याय प्रणाली से बदल दिया गया है. इसमें सेना की अपनी मर्जी होती है. वह किसी को भी बिना वजह के सजह दे सकता है.
- इसके शुरू होते ही उस क्षेत्र के नागरिक की स्वतंत्रता समाप्त हो जाती है. चूंकि वह किसी भी विषय पर आवाज नहीं उठा सकता है, इसलिए वह अपनी मर्जी से आंदोलन करने का अधिकार भी खोदता है. और अनुचित खोजों से सुरक्षा जैसी सभी अधिकार को ससपेंड कर दिया जाता है.
- इसमें बंदी प्रत्यक्षीकरण से जुड़े कानून को भी निलंबित किया जा सकता है. यह कानून मुख्य रूप से अवैध हिरासत को रोकने के लिए बनाया गया था. सेना अपनी मर्जी से बिना किसी की परमिशन के किसी को भी अनिश्चित काल तक जेल में रख सकती है. इसके लिए उसे कोई कुछ नहीं कह सकता.
- सेना अपनी खुद की न्यायालय चलाती है. इसमें वह जब चाहे किसी को भी नोटिस भेज कर उसे कोर्ट पर बुला सकती है. अगर कई इसके खिलाफ जाता है थो उसपर भी मुकदमा चलाया जाता है.
नेशनल इमरजेंसी और मार्शल लॉ में क्या अंतर होता है ?
नेशनल इमरजेंसी और मार्शल लॉ दोनों ही कानून में कुछ अंतर हैं. इसके बारे में मैंने निचे बताया है.
- मार्शल लॉ के कारण सेना द्वारा बनाए गए न्यायालय सामान्य न्यायालयों के स्थान पर स्थापित किए जाते हैं. जबकि राष्ट्रीय आपातकाल में जो कानून पहले से लागू था, वही कानून चलेगा.
- जब मार्शल लॉ लगाया जाता है, तो केवल लोगों के मौलिक अधिकार पर उसका प्रभाव पड़ता हैं, जबकि राष्ट्रीय आपातकाल का मौलिक अधिकारों, बिजली वितरण संघीय योजना, आदि पर व्यापक प्रभाव पड़ता है.
- शोध के अनुसार, यह कानून अभी तक भारत में लागू नहीं किया गया है. अगर लगते है थो उसका कारन न्याय व्यवस्था का टूटना है. अगर हम राष्ट्रीय आपातकाल युद्ध की स्थिति में देखा जाये थो विद्रोह के चलते लगाया जा सकता है.
- अगर हम भारतीय संविधान की बात करें तो इसमें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. लेकिन राष्ट्रीय आपातकाल में इसे कब लगाया जाता है, इसकी पूरी जानकारी है.
- इस कानून को लागू करना सेना का काम है, जबकि राष्ट्रीय आपातकाल में सेना का काम कम होता है और पुलिस का ज्यादा. इसके लिए कैबिनेट द्वारा लिखित प्रस्ताव दिया जाता है, फिर राष्ट्रपति द्वारा लगाया जाता है.
मार्शल लॉ कानून को कब और किस देश में लगाया गया ?
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कनाडा: 1775 – 1776 में यूएस कॉन्टिनेंटल कांग्रेस की सेनाओं द्वारा कनाडा पर आक्रमण के दौरान क्यूबेक क्षेत्र में मार्शल लॉ लागू किया गया था. इसके बाद, इसे 1837 – 1838 के विद्रोह के दौरान कनाडा के क्षेत्र में दो बार लागू किया गया था.
ऑस्ट्रेलिया: इसे लड़ाई को ब्लैक वॉर कहा जाता है. यह युद्ध 1820 – 1832 के मध्य में हुआ था. यह लड़ाई तस्मानिया में ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी और ब्रिटिश उपनिवेशवादियों के बीच हुई थी. इस लड़ाई के कारण हिंसा बढ़ रही थी, इसलिए गवर्नर जॉर्ज आर्थर ने नवंबर 1828 में मार्शल लॉ लगा दिया. यह कानून 3 साल से अधिक समय तक लागू रहा.
आयरलैंड: 1916 में ईस्टर राइजिंग के दौरान, आयरलैंड के लेफ्टिनेंट लॉर्ड विंबोर्न ने डबलिन में मार्शल लॉ की घोषणा की. आयरिश युद्ध के दौरान ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा अधिकांश आयरलैंड में मार्शल लॉ घोषित किया गया था. बाद में ब्रिटिश सरकार की सहमति से इसे पूरे देश में लागू कर दिया गया.
ब्रुनेई : 8 दिसंबर 1962 को यहां विद्रोह हुआ था. इस विद्रोह को ब्रुनेई विद्रोह कहा जाता है. ब्रुनेई तब मार्शल लॉ के अधीन था. इसे ब्रिटिश सैनिकों द्वारा सिंगापुर से हटा दिया गया था.
फिलीपींस: सितंबर 1944 में फिलीपींस के राष्ट्रपति द्वारा मार्शल लॉ लगाया गया था. इस समय द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था. इसके बाद 1972 से 1981 तक फर्डिनेंड मार्कोस के प्रशासन में देश फिर से मार्शल लॉ के अधीन था.
दक्षिण कोरिया: डेगू दंगों के परिणामस्वरूप कोरिया में संयुक्त राज्य सेना की सैन्य सरकार द्वारा अक्टूबर 1946 में यहां मार्शल लॉ लगाया गया था. इसके बाद 17 नवंबर 1948 को राष्ट्रपति सिंगमन रीहे रेजिम ने जाजू विद्रोह को कुचलने के लिए मार्शल लॉ की घोषणा की. अप्रैल क्रांति को दबाने के लिए सिंगमैन सरकार ने 19 अप्रैल 1960 को मार्शल लॉ की भी घोषणा की.
ताइवान: चीन ने द्वितीय विश्व युद्ध जीत लिया. इस दौरान कई देश उसके नियंत्रण में आ गए. इन्हीं में से एक था ताइवान का द्वीप. युद्ध में हारे हुए कुछ देशों के साथ यहां 1949 में मार्शल लॉ लागू किया गया था,
थाईलैंड : में अपरिवर्तनीय पैलेस विद्रोह के कारण 1912 में मार्शल लॉ भी लगाया गया था. इसके बाद 2004 में दक्षिण थाईलैंड के विद्रोह के जवाब में कुछ प्रांतों में मार्शल लॉ लगाया गया था. विद्रोह के कारण 2006 में मार्शल लॉ लगाया गया था. 2014 में, नागरिक और राजनीतिक अशांति के कारण यहां एक राष्ट्रव्यापी मार्शल लॉ भी घोषित किया गया था.
तुर्की: तुर्की गणराज्य की स्थापना के बाद से, सेना ने तीन सरकार बबालने का आयोजन किया है और 1923 में मार्शल लॉ घोषित किया गया था. 1978 में मार्शल लॉ भी लगाया गया था लेकिन 2002 तक इसे सीमित प्रांतों में आपातकाल की स्थिति में बदल दिया गया था.
अमेरिका: सीमित परिस्थितियों के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका में भी मार्शल लॉ लगा दिया गया था. ऑरलियन्स की लड़ाई के दौरान जापानी हमले के बाद. और 1871 के ग्रेट शिकागो फायर और 1906 के सैन फ्रांसिस्को भूकंप जैसी बड़ी आपदाओं के बाद. फिर 1934 में इसे विरोध और आंदोलनों आदि में लगाया गया.
सीरिया: सीरिया में 1963 के तख्तापलट के बढ़ने के बाद से, मार्शल लॉ अभी भी चल रहा है।
पाकिस्तान : पहला मार्शल लॉ पाकिस्तान में 7 अक्टूबर 1956 के युद्ध के दौरान लगाया गया था. इसे तत्कालीन राष्ट्रपति इस्कंदर मिर्जा ने लगाया था. फिर 1962 में संविधान का एक नया दस्तावेज लागू किया गया। लेकिन अयूब खान के राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने एक अहम फैसला लिया. जिसने 1969 में 1962 में लागू संविधान को रद्द कर दिया और वहां फिर से मार्शल लॉ घोषित कर दिया.
फिर 5 जुलाई 1977 को फिर से मार्शल लॉ लगा दिया गया, जिसे बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के बाद जुल्फिकार अली भुट्टो ने लगाया था. यह 5 जुलाई 1977 को जनरल मुहम्मद जिला-उल-हक द्वारा लगाया गया था। 12 अक्टूबर 1999 को प्रधान मंत्री नवाज शरीफ की सरकार बंद कर दी गई थी. लेकिन यह मार्शल लॉ नहीं था.
पोलैंड : यहा 13 दिसंबर 1981 को लोकप्रियता और राजनीतिक शक्ति प्राप्त करने से लोकतांत्रिक विपक्ष को रोकने के लिए मार्शल लॉ पेश किया गया था.
साउथ कोरिया : कोरिया में संयुक्त राज्य सेना की सैन्य सरकार ने अक्टूबर 1946 में डेगू दंगों के परिणामस्वरूप मार्शल लॉ की घोषणा की। तत्कालीन राष्ट्रपति सिंगमन रीहे रेजिम ने 17 नवंबर, 1948 को जाजू विद्रोह को दबाने के लिए मार्शल लॉ लागू किया. अप्रैल क्रांति को दबाने के लिए, सिंगमैन सरकार ने 19 अप्रैल 1960 को मार्शल लॉ लागू किया.
यूक्रेन: यहां के तटीय इलाकों, रूस और ट्रांसनिस्ट्रिया में मार्शल लॉ लगाए जाने की खबरें आई हैं.
मिस्र: 1981 में मिस्र में राष्ट्रपति अनवर अल-सादत की हत्या के बाद, आपातकाल की स्थिति में मार्शल लॉ लागू करने की घोषणा की गई थी. जिसे हर 3 साल में रिन्यू किया जाता है.
चीन: चीन में 20 मई 1989 को तियानमेन स्क्वायर विरोध प्रदर्शन के दौरान स्टेट काउंसिल के माध्यम से मार्शल लॉ लागू किया गया था. इसे ’89 डेमोक्रेसी मूवमेंट’ भी कहा जाता है.
ईरान: 7 सितंबर, 1978 को ईरान में अयातुल्ला खुमैनी के बेटे की मौत के कारण कथित सरकारी भागीदारी के खिलाफ विरोध और सार्वजनिक प्रदर्शन हुए, जिसके कारण मुस्तफा खुमैनी, शाह मोहम्मद रजा पहलवी को तेहरान की राजधानी के सैन्य गवर्नर के रूप में जनरल गुलाम अली ओवैसी का प्रमुख बनाया गया. . के रूप में नियुक्त किया गया. और 8 सितंबर को, सरकार ने कई अन्य शहरों के साथ-साथ पूरे देश में प्रभावी रूप से मार्शल लॉ की घोषणा की.
थो दोस्तों हमारा यह article यही समाप्त होता है. इसमें हमने martial law kya hai, martial law kyun lagaya jata hai, martial law abtak kaha lagaya gaya, जैसे सवालों को कवर किया है. अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया थो कमेंट के जरिये बताये धन्यवाद !
FAQ सवाल और जवाब
Q.भारत में मार्शल लॉ कब लगाया गया है ?
Ans : अब तक नहीं लगाया गया है.
Q. अब तक कितने देशों में मार्शल लॉ लगाया जा चूका है ?
Ans : अब तक लगभग 20 देशों में यह लगाया जा चूका है.
Q. मार्शल लॉ क्यों लगाया जाता है ?
Ans : देश की स्थिति को सुधारने के लिए.
Q. मार्शल लॉ कौन लगा सकता है ?
Ans : प्रधानमंत्री द्वारा
दोस्तों हमारा यह आर्टिकल यही समाप्ति होता है. Martial law kya hai हमारा यह आर्टिकल अगर आपको अच्छा लगा थो प्लीज कमेंट के जरिये हमें बताये धन्यवाद !
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